कहीं आप मेरी तरह डाईबिटीज को न्योता तो नहीं दे रहे?

Health

साथियों आज मैं आप सब को बताना चाहूँगा कि हमें क्यों स्वस्थ रहना चाहिए। अक्सर जब हम अपने आसपास लोगों को देखते हैं तो उनमें से कुछ लोगों को ऐसी बीमारियाँ हैं जिन्हें रोका जा सकता था और कुछ लोगों को असाध्य बीमारियाँ हैं जिनके बारे में कुछ करना हमारे हाथ में नहीं था। जब हम ऐसी बीमारियों की बात करते हैं जो हमारी जीवन शैली से संबंधित हैं, उन्हें रोकने का प्रयास हमें करना चाहिए क्योंकि चाहे डायबिटीज़ हो, ब्लड प्रेशर हो,हार्ट से संबंधित कोई प्रॉब्लम हो या फिर कोलेस्ट्रॉल जैसी कोई प्रॉब्लम हो,हम चाहें तो अपनी जीवनशैली में सुधार करके उन्हें होने से रोक सकते हैं। मैं स्वयं अपना उदाहरण देना चाहूंगा मुझे 35 वर्ष की आयु में डायबिटीज हो गई थी।आप अच्छे से जानते हैं कि डायबिटीज होने का मतलब है कि आपके अंदर सभी बीमारियों की संभावना पैदा हो गई है। ऐसी स्थिति में जो सबसे पहला नुकसान होता है वह हमारे मन को होता है। हम अपने आप को बेहतर नहीं मान पाते हैं और जो सबसे महत्वपूर्ण चीज है-जीवन का आनंद,उस उद्देश्य को प्राप्त करने में कमी हो जाती है। हमारी थाली में से प्रकृति ने जो उपहार दिए हैं,वह गायब हो जाते हैं।जब जीवन शैली से संबंधित बीमारियां हमें घेर लेती हैं तो हमने जो पैसा मेहनत करके कमाया था वह नष्ट होने लगता है।हम चाहते थे कि हम अपने बच्चों के लिए मरने से पहले एक बेहतर भविष्य देकर जाएं वह स्वप्न भी क्षीण होने लगता है क्योंकि जो हमने कमाया था वह बीमार होने की दशा में हमारे साथ ही जाने की स्थिति में आ जाता है और हम अपने संबंधियों को शिवाय दुख दर्द और चिंता  के अलावा और कुछ देने की स्थिति में नहीं रहते हैं इसीलिए मैं कहता हूं कि हमें स्वस्थ रहना चाहिए और इस का प्रयास कल से नहीं आज से ही शुरु करना चाहिए। हम सुबह जल्दी उठें और कोई ना कोई व्यायाम,योग, प्राणायाम इत्यादि अवश्य करें । मॉर्निंग वॉक या 40 मिनट तेज चलना हमारे लिए बहुत अधिक उपयोगी है।खाने में तली हुई चीजें या ऐसी चीज है जो पौष्टिक नहीं है उन्हें खाना बंद करें।अपने खाने का समय निर्धारित करें और कोई न कोई हॉबी जो आपके अंदर बचपन में थी उसे फिर से जगाएं।अपने मन को प्रसन्न रखने के लिए कोई अच्छी किताब प्रतिदिन पढ़ें।हम अक्सर अपने शरीर को  स्वस्थ रखने के प्रयासों को टालते रहते हैं और तब तक टालते हैं जब तक कि हम पीड़ित न हो जाएं।इसलिए अभी उठें और अपने शरीर का सर्वप्रथम फुल चेकअप कराएं और उसके अनुसार अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करें।अपने जीवन मे मनोरंजन, खेलकूद, आराम,घूमना इत्यादि सभी गतिविधियों को स्थान दें।यदि हम स्वस्थ रहेंगे तो हमारा मस्तिष्क भी तेजी से काम करेगा,हमारी स्मृति भी तीव्र होगी और हमारे अंदर उत्साह होगा।हमें मरने से पहले जीना नहीं छोड़ना है,यदि हम स्वस्थ रहेंगे तो किसी का सहारा बन सकेंगे अन्यथा सहारा ढूंढ़ते रहेंगे।यह कार्य असम्भव नहीं है,प्रकृति से नजदीकी रिश्ता कायम करके स्वस्थ रहा जा सकता है।

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