यह आलेख उन सभी व्यक्तियों को ध्यान में रखकर लिखा गया है जो निकट भविष्य में आत्महत्या करने की प्लानिंग कर रहे हैं।आप अपने जीवन मे इतना महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रहे हैं तो मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विस्वास है कि आपने इसके हानि-लाभ के बारे में जरूर विचार कर लिया होगा।जहां तक मेरे विचार हैं,मुझे आज तक इस काम को करने से किसी को कोई लाभ हुआ हो,इस बात की कोई जानकारी नहीं है।नजदीकी संबंधियों को जीवन बीमा का लाभ मिल जाये इसलिये कुछ व्यक्तियों को मृत्यु का आलिंगन करते हुए विदेशी फिल्मों में जरूर देखा है।यदि इस लेख को पढ़ने वालों को आत्महत्या से होने वाले किसी भी प्रकार के लाभ की कोई जानकारी ज्ञात हो तो जरूर अवगत करावें।
★मैं कई वर्षों से लिखने की सोच रहा था ।कॉलेज के दिनों में कहानियाँ लिखा करता था,कभी-कभार कविताएं भी लिखीं लेकिन मन को संतोष नहीं मिला।लिखने के लिए विषय चयन की प्रक्रिया तीन-चार साल से जारी है लेकिन प्रेरणा दायक विषयों में भी “आत्महत्या” जैसे विषय पर लिखना मुझे उचित लगा क्योंकि ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन अखबार में किसी न किसी के द्वारा आत्महत्या की खबर न छपती हो।मेरा मन इस प्रकार की खबर को पढ़कर विचलित और दुखी हो जाता है क्योंकि मैंने भी अपनों को खोया है।मैं नहीं चाहता कि कोई इस प्रकार अपना जीवन त्यागे।
★आपने देखा होगा घटना के बाद मर्ग कायम कर पुलिस जांच शुरू कर देती है और यह जांच अंतहीन चलती है।शुरू में समाज की संवेदना उस परिवार के प्रति होती है लेकिन पंद्रह-बीस दिन बाद सब अपने-अपने काम मे लग जाते हैं और आत्महत्या करने वाले के नजदीकी संबंधी की पीड़ा को समझने की किसी को फुरसत नहीं रहती।जीवनलीला चाहे मर्लिन मुनरो,श्रीदेवी ,भय्यू जी महाराज या सुनन्दा पुष्कर जैसे जाने-माने व्यक्ति ने की हो अथवा किसी अनजान व्यक्ति ने की हो, वास्तविक कारण कभी सामने नहीं आ पाते।एक व्यक्ति ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली इसका मतलब है उसे अब दुनिया मे रहना उचित नही लग रहा था या फिर उसके पास जीने का कोई मकसद शेष नहीं रहा था या फिर उसके पास अब किसी के लिए प्यार नहीं बचा था।मतलब साफ है कि आत्महत्या करने वाले के पास मौत के अलावा कोई विकल्प नहीं रहा होगा?
★साथियों,जब हमारे शरीर मे एक कांटा चुभ जाता है तो हम सहन नहीं कर पाते लेकिन एक अच्छा खासा व्यक्ति जब जीवन को समाप्त करने का संकल्प लेता है तो कारण भी महत्वपूर्ण होते होंगे?क्या इन कारणों पर ध्यान देकर इन घटनाओं को हम रोक नहीं सकते?मेरे इस लेख और भविष्य में पुस्तक लिखने का मकसद यही है।
★मैं चाहता हूं कि यदि मेरी कलम से लिखे हुए इस लेख से कोई एक व्यक्ति भी आत्महत्या करने से बच गया तो मेरी लेखनी धन्य हो जाएगी।इस काम में मुझे आप सभी का भी सहयोग चाहिए।आज से ही आप अपने आसपास के हर व्यक्ति का चेहरा पढ़ने की कोशिश करें क्योंकि जो व्यक्ति अपनी जिंदगी खत्म करने की सोचता है उसके नजदीकियों को अहसास हो जाता है। किसी के मरने के बाद श्रद्धाजंलि देने से बेहतर है,उसे मरने से रोकना।किसी की जिंदगी आपके शब्दों,केयरिंग,सहायता या सहयोग से बच सकती है तो इससे बड़ा पूण्य कोई नहीं है।
★आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए कोई एक व्यक्ति कानूनी तौर पर दोषी हो सकता है लेकिन वास्तव में इस कृत्य के लिए आप,हम,सम्पूर्ण समाज और व्यवस्था दोषी है।पढ़ाई में असफल छात्र हो या प्यार में असफल युवा या व्यापार में असफल व्यापारी,उन्हें जीवन का महत्व समझाना हमारा दायित्व है।गंभीर बीमारी,कैरियर में ठहराव,व्यसन या अपेक्षा का बोझ इन जैसे सैकड़ों कारणों का निवारण क्या हमारी शिक्षा प्रणाली में नहीं मिल सकता?क्या बचपन से हम बच्चों को यह संस्कार नहीं दे सकते कि चाहे कुछ भी हो जाये हम यह कदम नही उठाएंगे?
★साथियो, क्या आप जानते हैं की यह कदम अनपढ़ से ज्यादा पढ़े लिखे, गरीब से ज्यादा अमीर और अनजान से ज्यादा लोकप्रिय व्यक्ति उठाते हैं।शायद जीवन मे और अधिक की चाह, शीर्ष पर उपस्थित शून्यता या प्रगति के दौरान अपनों को पीछे छोड़कर दम्भ भरने के बाद का अकेलापन इसके लिए उत्तरदायी है।लेकिन हम सभी,जिसमे समाज के सभी अंग शामिल हैं,का यह कर्तव्य है कि हम जहां पर भी हों विचलित,डिप्रेस्ड और अकेले लोगों को समय दें,उनकी बात सुनें,समझाए और सहयोग दें। विश्व मे प्रत्येक 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है ,यह आंकड़ा प्रतिवर्ष 08 लाख से अधिक है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जब एक व्यक्ति आत्महत्या करता है उसी दौरान 20 व्यक्ति आत्महत्या का अटेम्प्ट कर रहे होते हैं। क्या पता आपके कारण किसी व्यक्ति का जीवन बच जाए।(आपके विचारों /सुझावों का मुझे इंतजार है ताकि इस विश्वव्यापी समस्या का निदान खोजा जा सके।आप अपने विचार मेरी वेवसाइट motivationalsir.com पर अथवा fasebook,whatsapp पर भेज सकते हैं।मेरा मोबाईल नंबर 9425143583 है)।