आत्महत्या रोकी जा सकती है?

क्या हम सब मिलकर लोगों की जिंदगियां नहीं बचा सकते।आज मेरी बेटी ने मुझसे बहुत अच्छा प्रश्न किया ।क्या आत्महत्या करने वाले लोग अपना जीवन पूरी तरह समाज को समर्पित नहीं कर सकते?इस प्रश्न ने मुझे झकझोर कर रख दिया।जीवन अमूल्य है और छोटी-छोटी और महत्वहीन या तुच्छ बातों को दिल पर लेकर लोग जीवन त्याग रहे हैं।हर चालीस सेकंड में एक व्यक्ति विश्व मे कहीं न कहीं अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं।

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डिप्रेशन से छुटकारा आसान है

साथियो ! नमस्कार,मेरे लिखे हुए लेख आप सभी पसंद कर रहे हैं,इस हेतु मैं आप सभी का आभारी हूँ।मेरा यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/user/gbrahmendrag भी आप लगातार देख रहे हैं इसके लिए भी आपका धन्यवाद।मेरे प्रयासों से यदि किसी एक व्यक्ति की जिंदगी में भी खुशी आती है और वह यदि आत्महत्या के प्रयास को छोड़ देता है तो मैं अपने प्रयास सार्थक समझूंगा।

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यदि आप आत्महत्या करने जा रहे हैं तो एक मिनट रुकिए!

यह आलेख उन सभी व्यक्तियों को ध्यान में रखकर लिखा गया है जो निकट भविष्य में आत्महत्या करने की प्लानिंग कर रहे हैं।आप अपने जीवन मे इतना महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रहे हैं तो मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विस्वास है कि आपने इसके हानि-लाभ के बारे में जरूर विचार कर लिया होगा।जहां तक मेरे

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काश मैं किसी व्यक्ति को आत्महत्या करने से रोक पाता

साथियो,जब भी किसी व्यक्ति के आत्महत्या करने की खबर देखने या सुनने को मिलती है तो मन विचलित हो जाता है।विश्व में प्रत्येक 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है ,यह आंकड़ा प्रतिवर्ष 08 लाख से अधिक है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जब एक व्यक्ति आत्महत्या करता है उसी दौरान 20 व्यक्ति आत्महत्या का अटेम्प्ट कर रहे होते हैं।

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आत्महत्या के भयावह आँकड़े

दुनिया भर में होनेवाली आत्महत्याओं में भारतीय महिलाओं की संख्या एक-तिहाई से अधिक और पुरुषों की संख्या लगभग एक-चौथाई है. हमारे देश में ऐसी घटनाओं की दर वैश्विक औसत से भी ज्यादा है.

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जीवन है अनमोल

हम और आप आजकल अक्सर व्यस्त रहते हैं.ज़िन्दगी की सरलता कहीं खो सी गई है.फ़ास्टफ़ूड के जमाने में न तो हमारे पास बनाने का समय है और न खाने का.टेक्नॉलोजी ने हमारे जीवन पर क़ब्ज़ा जमा लिया है जिसके परिणामस्वरूप हमें बाज़ार में मोटरसायकल चलाते समय बात करना पड़ रही है.और तो और हम शमशान में भी अपना मोबाइल कान से चिपकाए घूमते हैं.आजकल बच्चे बिना मोबाइल और टीवी के खाना ग्रहण नहीं करते

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आपकी ख़ुशी की चाबी कहाँ है?

हम खुश होते हैं तो हंसते हैं कहना सही नहीं है बल्कि सही तो यह है कि हम हंसते हैं तो खुश रहते हैं।
★खुशी क्या है-खुशी महसूस करने की चीज है,जब हम उत्साहित होते हैं,सफल महसूस करते हैं,जीतता हुआ महसूस करते हैं,वह काम करते हैं जिसमे हमारी रुचि है और किसी चुनौती का सामना करते हैं तो खुश होते हैं।इसे आप तौल नहीं सकते।गुड हार्मोन्स रिलीज होते हैं

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