10वीं तक पढ़ाई की, परिवार का पेट पालने के लिए कचरा उठाया फिर भी बना सबसे तूफानी बल्लेबाज!
क्रिकेट के सबसे धमाकेदार ओपनिंग बल्लेबाजों में से एक क्रिस गेल (Chris Gayle) ने त्रिनिडाड में खेले गए आखिरी वनडे मैच के बाद संन्यास ले लिया. 1999 में भारत के खिलाफ डेब्यू करने वाले गेल ने 20 सालों के करियर का अंत भी भारत के खिलाफ ही किया. गेल ने अपने आखिरी मैच में 41 गेंदों में 72 रनों की पारी खेली जिसमें उन्होंने 5 छक्के जड़े. गेल (Chris Gayle) ने अपने पूरे करियर में फैंस का मनोरंजन किया, उन्होंने अपनी हिटिंग से सभी का दिल जीता. आइए आपको बताते हैं क्रिस गेल के जीवन के बारे में ऐसी बातें जो सभी क्रिकेट फैंस के लिए किसी प्रेरणा की तरह है.
क्रिस गेल (Chris Gayle) एक धमाकेदार क्रिकेटर होने के साथ-साथ मस्तमौला इंसान भी हैं. वो जमैका में आलीशान जिंदगी जीते हैं और लगभग हर दिन पार्टीज करते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि गेल ने अपनी जिंदगी में बहुत गरीबी देखी है.
क्रिस गेल का संन्यास
क्रिस गेल का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ उनकी मां मूंगफली बेचा करती थीं. क्रिस गेल का परिवार एक कच्ची झोपड़ी में रहता था.
झोपड़ी में रहते थे गेल
क्रिस गेल (Chris Gayle) गरीबी की वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए, उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की. अपने परिवार का पेट पालने के लिए गेल को कचरा तक उठाना पड़ा.
पेट भरने के लिए चोरी करनी पड़ी
क्रिस गेल ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि एक बार उन्होंने पेट भरने के लिए चोरी तक की. यही नहीं क्रिकेट खेलने के दौरान क्रिस गेल को एक बहुत गंभीर बीमारी का सामना भी करना पड़ा. साल 2005 में उन्हें पता चला कि उनके दिल में छेद है. बस इसके बाद से ही गेल ने अपना जीवन और खेलने का तरीका बदल लिया.
गेल ने जीने के लिए कचरा तक उठाया
ये कारनामा करने वाले इकलौते खिलाड़ी
क्रिस गेल ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए और तोड़े. वो दुनिया के इकलौते क्रिकेटर हैं जिसने टेस्ट में तिहरा शतक, वनडे में दोहरा शतक और टी20 में शतक लगाया है. क्रिस गेल वेस्टइंडीज के लिए सबसे ज्यादा वनडे रन, शतक जमाने वाले बल्लेबाज भी बने.
क्रिस गेल ने इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया संन्यास, आखिरी पारी में ठोके 41 गेंदों में 72 रन
गेल को हो गई थी ये बड़ी बीमारी, पैरेंट्स तक को नहीं चलने दिया था पता
वेस्ट इंडीज के तूफानी बैट्समैन क्रिस गेल ने अपनी लाइफ से जुड़ा एक अहम खुलासा किया है। उनका कहना है कि उनके दिल में एक छेद था।
क्रिस गेल ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘सिक्स मशीन’ को शुक्रवार को दिल्ली में लॉन्च किया।
क्रिस गेल ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘सिक्स मशीन’ को शुक्रवार को दिल्ली में लॉन्च किया।
वेस्ट इंडीज के तूफानी बैट्समैन क्रिस गेल ने अपनी लाइफ से जुड़ा एक अहम खुलासा किया है। उनका कहना है कि उनके दिल में एक छेद था। जिसका पता उन्हें साल 2005 में ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान चला। शुक्रवार को दिल्ली में गेल ने अपनी आत्मकथा ‘सिक्स मशीन’ को लॉन्च किया। इसी इवेंट में इस कैरेबियन बैट्समैन ने इस राज का खुलासा किया।इस दौरान बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और पूर्व विस्फोटक बैट्समैन वीरेंद्र सहवाग भी मौजूद था। क्या हुआ था ऑपरेशन के बाद… – गेल ने शुक्रवार को अपनी आत्मकथा ‘सिक्स मशीन’ के लॉन्च के दौरान बताया, ‘ऑस्ट्रेलिया में ट्रीटमेंट के दौरान मुझे अपने दिल में छेद होने का पता चला। इस बारे में मैंने किसी को नहीं बताया। यहां तक कि मैंने पैरेंट्स को भी नहीं बताया।’
– गेल ने कहा कि ‘इसके इलाज के लिए मुझे तुरंत सर्जरी करानी पड़ी और ऑपरेशन के बाद ही मैंने अपने पैरेंट्स को इस बारे में बताया था।’
– उन्होंने बताया कि ‘इसी सर्जरी की वजह से मैं एडिलेड में तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में नहीं खेल पाया था और इसके बाद ही उन्हें लाइफ की इंपोर्टेंस का पता चला था।’
– गेल के मुताबिक ‘2005 में हुए उस ऑपरेशन के बाद ही उन्होंने जिंदगी को जीना और उसे एन्जॉय करना सीखा। वो उनके लिए जिंदगी बदलने वाला लम्हा था।’ ‘अब हो गया हूं ज्यादा मैच्योर’ – गेल ने बताया कि पिता बनने के बाद वे इंसान के रूप में काफी मैच्योर हो गए हैं।
– उन्होंने कहा कि, ‘निश्चित तौर पर पारिवारिक व्यक्ति होना नई चुनौती है लेकिन मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं एक खूबसूरत बेटी का पिता हूं। ये बिलकुल अलग एक्सपीरियंस है।’ खुद को बताया सिक्स मशीन – खुद को लेकर गेल ने कहा कि’मैं किसी भी सूरत में उबाऊ नहीं होना चाहता और मुझे लगता है कि मैं हर तरह से बेस्ट एंटरटेनर और सिक्स मशीन हूं।’
– इस बुक लॉन्चिंग इवेंट में बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बैट्समैन वीरेंद्र सहवाग भी मौजूद थे।
– इस मौके पर बीसीसीआई के अध्यक्ष ने कहा कि, ‘इस किताब का नाम अपने आप में गेल के बारे में बहुत सी बातें बयां कर रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि इस किताब में फैन्स को इस विस्फोटक बैट्समैन के बारे में तमाम रोचक जानकारियां हासिल होंगी।’
– वहीं पूर्व भारतीय ओपनर सहवाग ने कहा कि, ‘गेल अपनी एग्रेसिव स्टाइल के कारण क्रिकेट फैन्स को सबसे ज्यादा एंटरटेन करने वाले क्रिकेटर हैं। क्रिकेट को लेकर उनका लगाव उनके खेल में साफ दिखता है। मुझे खुशी है कि उनकी बायोग्राफी के जरिए लोग उनके बारे में और ज्यादा जान सकेंगे’
– सहवाग ने कहा कि, ‘मैदान पर जब हम बात करते थे तो हम छक्के जड़ने के बारे में बात करना ज्यादा पसंद करते थे। जैसे किस तरह बॉलर्स की धुनाई की जाए खासकर ऑस्ट्रेलियाई बॉलर्स की।’ आगे की स्लाइड्स में देखें, गेल की बुक लॉन्चिंग इवेंट के फोटोज साथ ही वहां गेल ने किस तरह मस्ती की…
इस बुक लॉन्चिंग इवेंट में बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भी मौजूद रहे।
इस बुक लॉन्चिंग इवेंट में बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भी मौजूद रहे।
इस इवेंट के दौरान गेल ने अपनी लाइफ से जुड़े कई अहम खुलासे किए।
इस इवेंट के दौरान गेल ने अपनी लाइफ से जुड़े कई अहम खुलासे किए।
गेल ने बताया कि 11 साल पहले ऑस्ट्रेलिया टूर पर उन्हें अपने दिल में छेद होने का पता चला। इसके बाद ही उन्होंने जिंदगी को जीना सीखा।
गेल ने बताया कि 11 साल पहले ऑस्ट्रेलिया टूर पर उन्हें अपने दिल में छेद होने का पता चला। इसके बाद ही उन्होंने जिंदगी को जीना सीखा।
इवेंट के बाद मस्ती के मूड में गेस्ट और गेल।
इवेंट के बाद मस्ती के मूड में गेस्ट और गेल।
अनुराग ठाकुर ने गेल और सहवाग के साथ कई सेल्फी ली।
अनुराग ठाकुर ने गेल और सहवाग के साथ कई सेल्फी ली।
क्रिस गेल की बुक ‘सिक्स मशीन’ और उनके ऑटोग्राफ किए बैट्स।
क्रिस गेल की बुक ‘सिक्स मशीन’ और उनके ऑटोग्राफ किए बैट्स।गेल अपनी हर सफलता का श्रेय एक क्रिकेट क्लब को देते हैं, जिसने उन्हें पहली बार मौका दिया. गेल का कहना है कि अगर इस क्लब ने मौका नहीं दिया होता तो वो आज सड़क पर होते. उस क्लब का नाम है ‘लुकास क्रिकेट क्लब’. लुकास के जरिये ही गेल पहली बार अपनी हुनर का प्रदर्शन कर पाए.
जमैका किंग के नाम से मशहूर गेल कहते हैं कि अगर लुकास नहीं होते तो मुझे पता नहीं कि मैं आज कहां होता. हो सकता है सड़क पर होता.
आपको बता दें कि लुकास क्रिकेट क्लब की स्थापना साल 1895 में की गई थी और तब इसका नाम जमैका क्रिकेट क्लब था. पर जमैका दौरे के दौरान इंग्लैंड टीम के कैप्टन रोबर्ट स्लेड लुकास ने इस क्लब के लिए क्रिकेट से संबंधित कई इक्यूपमेंट दिए. लुकास के इस योगदान के लिए साल 1898 में क्लब का नाम लुकास क्रिकेट क्लब कर दिया गया.
धीमी शुरुआत
1998/99 के दौरान क्रिस गेल ने 19 साल की उम्र में अपना पहला फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेला. हालांकि शुरुआती दौर में रन धीरे बनाने की वजह से क्रिस गेल साल 2001 तक अंतरराष्ट्रीय करियर में सिर्फ 1 सेंचुरी ही बना पाए थे, जैसा कि एक एवरेज खिलाड़ी बना पाता है.
लेकिन साल 2013 तक आते-आते गेल ने सबसे तेज सेंचुरी बनाने वाले खिलाड़ी का खिताब अपने नाम कर लिया. IPL 2013 में रोयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए खेलते हुए गेल ने पूणे वरियर्स के खिलाफ सिर्फ 30 बॉल में 100 रन दागे थे.
धड़कन की बीमारी
क्रिस गेल को एक ऐसा डिस्ऑर्डर था, जिसकी वजह से उनकी धड़कनों की तालमेल बिगड़ जाती थी. गेल को इसकी वजह से कई बार क्रिकेट से लंबी छुट्टी लेनी पड़ी. पर ऑपरेशन के बाद अब क्रिस गेल का यह डिस्ऑर्डर ठीक हो गया है.
पहले ही बॉल पर छक्का
साल 2012 में क्रिस गेल पहले ऐसे खिलाड़ी बन गए, जिसने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहली बार पहले ही बॉल पर छक्का लगा दिया हो.
पार्टी है पसंद
क्रिकेट के मैदान पर जमकर मेहनत करना और मेहनत का परिणाम आने पर पार्टी, क्रिस गेल की सोच कुछ ऐसी ही है. गेल को पार्टीज खूब पसंद हैं और क्रिकेट के मैदान पर भी उन्हें कई बार डांस करते देखा जा चुका है. क्रिकेट फील्ड में उनका मशहूर गंगनम स्टाइल कौन भूल सकता है.
नर्म दिल हैं गेल
IPL मैच के दौरान क्रिस गेल ने छक्का मारा और गेंद एक छोटी सी बच्ची को लग गई, जिसकी वजह से उसकी नाक टूट गई. गेल को जब यह बात पता चली तो वो उस बच्ची से मिलने अस्पताल पहुंच गए.